अगर आप भी जानना चाहते हैं की trading kya hai, ट्रेडिंग से पैसा कैसे कमाए?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?, ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?, इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?, swing ट्रेडिंग क्या है, फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?, ट्रेडिंग कैसे करते हैं? तो इस आर्टिकल के अंत बने रहे आपके ट्रेडिंग से संबंधित सभी प्रश्नों का हल मिल जाएगा!
हम अक्सर स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के बारे में सुनते हैं, कितने लोग ट्रेडिंग करके लाखों में प्रॉफिट कमा लेते हैं वही कितनों को हजारों का लॉस भी होता है तो आखिर ट्रेडिंग क्या होता है ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है आज इस आर्टिकल में हम सारे सवालों का जवाब जानेंगे
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इस दुनिया में पैसा कौन नहीं कमाना चाहता, सभी लोग कम समय में अधिक पैसा कमाना चाहते हैं, ट्रेडिंग भी एक ऐसा काम है जिससे आप बहुत कम समय कुछ घंटों या मिनट में ही आप बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं
लेकिन अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आप बिना नॉलेज के इसमें कुछ मिनटों में बहुत सारा पैसा गवा भी सकते हैं इसलिए ट्रेडिंग करने से पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है की ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे की जाती है!
ट्रेडिंग क्या होती है?, trading kya hai?
ट्रेडिंग को हिंदी में व्यापार बोलते हैं ट्रेडिंग का मतलब है किसी चीज को खरीदना और उसका दाम बढ़ जाने पर उसे बेच देना ताकि एक अच्छा मुनाफा कमाया जा सके ठीक उसी प्रकार स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदना और जैसे ही उस शेयर का प्राइस बढ़ जाए उसे बेचकर प्रॉफिट कमाने को ही हम स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कहते हैं!
अब आप सोच रहे होंगे कि इन्वेस्टमेंट में भी तो यही होता है तो दोस्तों आप सही भी है और नहीं भी!
ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में अंतर-
ट्रेडिंग | इन्वेस्टमेंट |
ट्रेडिंग में हम शेयर को कम समय के लिए होल्ड करते हैं जैसे कि 1 मिनट या एक घंटा या 1 महीना! | इन्वेस्टमेंट में हम शेयर को लंबे समय के लिए होल्ड करते हैं जैसे कि 5 साल, 2 साल या 1 साल! |
जबकि ट्रेडिंग में हम शेयर को टेक्निकल एनालिसिस करके खरीदें और तुरंत ही उन्हें बेच देते हैं! | इन्वेस्टमेंट में हम कंपनियों का फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं क्योंकि हम शेयर को लंबे समय के लिए खरीदते हैं! |
ट्रेडिंग में पैसा कम समय में बन जाता है लेकिन इसमें रिस्क बहुत अधिक होता है! | इन्वेस्टमेंट में लंबे समय में पैसा बनता है जबकि इसमें रिस्क कम होता है! |
अगर हम किसी कंपनी की बैलेंस शीट पढ़कर और उस कंपनी के बिजनेस को समझकर उस में इन्वेस्टमेंट करते हैं तो उसको फंडामेंटल एनालिसिस कहते हैं!
और अगर हमने शेयर को कंपनी की बैलेंस शीट और बिजनेस को देखे बिना शेयर के प्राइस और कैंडलेस्टिक पेटर्न के आधार पर खरीदा है तो उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस उपयोग में लिया जाता है!
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग मुख्य थे चार प्रकार की होती है-
ऑप्शन ट्रेडिंग(option trading kya hai)-
इस ट्रेडिंग में हम शेयर को जिस दिन खरीदते हैं उसी दिन या उसी एक्सपायरी को बेचते हैं यह एक्सपायरी वीकली या मंथली हो सकती है! इसमें जब हमें मार्केट bullish लगे तो हम कॉल ऑप्शन खरीदते हैं और पुट ऑप्शन बेचते हैं लेकिन जब हमें मार्केट bearish लगता है तो हम पुट को खरीदते हैं और कॉल को सेल करते हैं!
यानी कि हम ऑप्शन में कॉल खरीद भी सकते हैं और बेच सकते हैं और put को खरीद भी सकते हैं और बेच सकते है यानी कि हमारे पास ऑप्शन ट्रेडिंग में ट्रेड लेने के लिए चार ऑप्शन मौजूद होते हैं!
ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसा कैसे कमाए?(trading se paise kaise kamaye)-
- ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए आपको इसके बारे में नॉलेज होना चाहिए!
- ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए सबसे पहले आपको किसी अच्छे टीचर का कोर्स लेना चाहिए!
- ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आपको पेपर ट्रेड करना चाहिए!
- ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको रोज चार्ट पर प्रैक्टिस करनी चाहिए!
- 5 से 6 महीने पहले आप सीखे बाद में ही ट्रेड करें!
- ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको अपना टारगेट और stoploss को फॉलो करना चाहिए!
- ट्रेड लेने के बाद आपको डरना नहीं चाहिए!
- ट्रेडिंग हमेशा emotionless होकर करनी चाहिए ट्रेड में अपना इमोशन नहीं आने देना चाहिए!
- आपको 1 दिन में केवल एक ही ट्रेड लेना चाहिए बार-बार और overtrading नहीं करनी चाहिए!
- आपको लालच नहीं करना चाहिए आपको जो प्रॉफिट मिले उसे लेकर मार्केट से निकल जाना चाहिए!
- ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत में आपको 5 मिनट या 15 मिनट का टाइम फ्रेम यूज करना चाहिए!
स्काल्पिंग(scalping)-
इसमें हम शेयर कुछ सेकंड या मिनट के लिए खरीदते और जैसे ही प्राइस बढ़ती है हम उसे तुरंत बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं EX-माना कि हमने banknifty का 1 lot(25 share) 200 रुपए की प्राइस पर खरीदें तो इसमें हमारा कुल इन्वेस्टमेंट 25*200=5000 रुपए का हुआ अगले कुछ मिनटों में प्राइस बढ़कर 300 रुपए हो जाता है तो हमारे पैसे 5000 से बढ़कर कुछ ही मिनटों में 7500 हो जाते हैं यानी कि हमें 2500 रुपए का प्रॉफिट हो जाता है!
स्काल्पिंग के लिए आपको एक या 3 मिनट का टाइम फ्रेम यूज करना चाहिए और प्रॉफिट मिलते ही पोजीशन को तुरंत एग्जिट कर देना चाहिए!
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading)-
इसमें हम शेयर को 1 दिन के लिए खरीदते है यानी कि जिस दिन खरीदते हैं उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं अगर हम नहीं बेचते तो यह शेयर ऑटोमेटिक बिक जाते हैं!
swing trading-
इसमें हम शेयर को कुछ दिनों या हफ्तों के लिए खरीदते हैं जब प्रॉफिट होता है तो इसे बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं!
swing trading में 1 घंटे या 1 दिन का टाइम फ्रेम यूज़ करना चाहिए इसके साथ आप EMA 150 और RSI को भी यूज कर सकते हो जब मार्केट 150 EMA के ऊपर चल रहा हो तो कॉल खरीदना करना चाहिए और जब मार्केट 150 EMA के नीचे चल रहा हो तो पुट खरीदना चाहिए!
पोजीशनल ट्रेडिंग(Positional trading)-
इस तरह की ट्रेडिंग में हम शेयर को को कुछ महीनों के लिए खरीदते हैं और जब प्रॉफिट होता है तो उसे भेज कर प्रॉफिट कमा लेते हैं यह ट्रेडिंग उन लोगों के लिए सही है जिनके पास ट्रेडिंग करने के लिए टाइम नहीं है इसमें आपको स्टॉक को बार-बार नहीं देखना पड़ता!
और अधिक जानने के लिए-https://www.investopedia.com/trading-4427765