Share Kharidne Ke Niyam | 11 बेहतरीन शेयर खरीदने के नियम

इस आर्टिकल में हम शेयर बाजार में शेयर खरीदने के नियम, अच्छे शेयर कैसे चुने, शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए , किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करना चाहिए, मल्टीबैगर स्टॉक कैसे चुने, स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें आदि के बारे में जानेंगे!

दोस्तों शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है सही स्टाफ को चुनना अगर आप सही स्टॉक को चुनते हैं तो आप गिरते हुए मार्केट से भी पैसे कमा सकते हैं और अगर आप गलत स्टॉक में इन्वेस्ट करते हैं तो बढ़ते हुए मार्केट में भी आपको लॉस हो सकता है इसलिए मैं इस आर्टिकल में बताऊंगा आप सही स्टॉक कैसे सुन सकते हैं!

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सामान्यतया फंडामेंटल एनालिसिस करना सिखाऊंगा तोर इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ना क्योंकि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कोई दूसरी जगह देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी!

Share Kharidne Ke Niyam | शेयर खरीदने के नियम-

  • आपको कंपनी के बिजनेस के बारे में पता होना चाहिए!
  • कंपनी की मार्केट केपीटलाइजेशन के बारे में पता होना चाहिए!
  • कंपनी की प्रॉफिट ग्रोथ पता करें!
  • कंपनी के ऊपर कर्जा कम होना चाहिए!
  • कंपनी का ROE 15 से अधिक होना चाहिए!
  • कंपनी का ROCE 20 से अधिक होना चाहिए!
  • कंपनी के पास फ्री कैश फ्लो होना चाहिए!
  • कंपनी में 45% से अधिक प्रमोटर्स की होल्डिंग होनी चाहिए!
  • कंपनी का P/E ratio कम होना चाहिए!
  • कंपनी का EPS अधिक होना चाहिए!
  • आपको कंपनी के ताजा समाचार के बारे में पता होना चाहिए!

कंपनी का बिजनेस (types of business)-

स्टॉक को सेलेक्ट करते वक्त सबसे पहली चीज जो आपको देख नहीं होती है जिस स्टॉक को आप सिलेक्ट करने जा रहे हैं वह बिजनेस किस टाइप का करती है और उसमें ग्रो होने की कितनी संभावना है क्योंकि आप उसी स्टॉक से पैसे कमा सकते हैं जिसका बिजनेस आगे जाकर बढ़ सकता है अगर आप किसी ऐसे स्टॉक में निवेश करते हैं जिसके फंडामेंटल बहुत अच्छे हो लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह बिजनेस आगे चलकर बंद हो सकता है तो उस स्टॉक में आपको लॉस ही होगा

Ex-अगर आप आज के समय प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करेंगे तो पूरी दुनिया में प्लास्टिक को बैन किया जा रहा है पूरी दुनिया में उसका अल्टरनेटिव ढूंढा जा रहा है तो यह बिजनेस आगे चलकर कम ही होगा ग्रो नहीं होगा इसमें आप पैसे नहीं कमा सकते!

जबकि आप ऐसी किसी कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं जो आगे चलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करती है तो यह कंपनी आगे चलकर ग्रो हो सकती है यहां से आप पैसे कमा सकते हैं क्योंकि यहां पर ग्रो होने की संभावना काफी अधिक है तो शुरुआत में आपको एक सही बिजनेस को चुनना है!

मार्केट कैप (market capitalization)-

दूसरी चीज जो आपको देख नहीं होती है होती है मार्केट केपीटलाइजेशन यानी कि वह कंपनी कितनी बड़ी है जिसमें आप इन्वेस्ट करने जा रहे हैं मार्केट केपीटलाइजेशन के हिसाब से तीन प्रकार के कंपनियों होती है!

  • small cap- 5000cr से कम की कंपनी
  • Mid cap- 5000-20000cr तक की कंपनी
  • large cap- 20,000cr से बड़ी कंपनी

small cap-

small cap कंपनियों में ग्रोथ की संभावना अधिक होती है अगर कोई 1000 करोड़ की कंपनी है तो वह कंपनी कुछ साल बाद 10000 करोड़ की और कुछ साल बाद एक लाख करोड़ तक की भी कंपनी बन सकती है तो आपका पैसा 100 गुना होने की संभावना भी होती है!

लेकिन इस small cap कंपनी में रिस्क भी ज्यादा होता है अगर कोई 1000, 2000cr की कंपनी है और अगर उसको कोई बड़ा लॉस हो जाता है तो वह कंपनी बंद भी हो सकती है जिसके कारण आपका पैसा ज्यादा रिस्क में होता है क्योंकि ज्यादा रिस्क होता है तो पैसा ज्यादा होने की संभावना भी अधिक होती है!

large cap-

अगर आप large cap में इन्वेस्ट करते हैं इसकी मार्केट केपीटलाइजेशन 20000 करोड से ज्यादा है तो यहां पर आपका पैसा कम रिस्क में होता है अगर उस कंपनी को कोई बड़ा लॉस होता है तो वह खुद को दोबारा ग्रो कर सकती है लेकिन बड़ी कंपनियों में आपका पैसा आपको बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं दे पाएगा दोगुना, 3 गुना या 5 गुना तक हो सकता है लेकिन यहां पर आपके पैसे 100 गुना होने की बहुत ही कम संभावना होती है!

Mid cap-

Mid cap में स्मॉल कैप की तुलना में कम रिस्क जबकि large cap की तुलना में अधिक रिस्क होता है और इनमें स्मॉल कैप से कम रिटर्न मिल सकते हैं वही large cap से अधिक रिटर्न मिल सकते हैं!

कंपनी का प्रॉफिट( Profit growth)-

तीसरी चीज आपको देखनी होगी की उस कंपनी को प्रॉफिट कितना हो रहा है क्या उसका प्रॉफिट हर साल बढ़ रहा है या टाइम के साथ घट रहा है या फिर स्थिर है आपको यह चीज देखना बहुत जरूरी है क्योंकि कंपनी का प्रॉफिट हर साल बढ़ रहा है इसका मतलब है वह कंपनी ग्रो कर रही है उसका प्रॉफिट भविष्य में भी बढ़ने की संभावना है उसका प्रॉफिट भविष्य में भी बढ़ेगा तो उस शेयर की प्राइस भी बढ़ेगी जिससे आपको फायदा होगा

लेकिन उस कंपनी का प्रॉफिट हर साल घटता ही जा रहा है तो इसका मतलब है वह कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही उसकी परफॉर्मेंस खराब हो रही है अगर उसकी परफॉर्मर्स खराब हो रही है तो आपको उसमें इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए और यह चीज पता करने के लिए आप उस कंपनी के पिछले 3-4 साल के प्रॉफिट की तुलना करके देख सकते हैं और उसके क्वार्टर ली रिजल्ट में जो प्रॉफिट दिखाया जाता है उसकी भी तुलना करके आप पता लगा सकते हैं! कि वह कंपनी प्रॉफिट कर रही है या फिर लौट कर रही है!

कंपनी के ऊपर कर्जा(Debt)-

आपको यह देखना है कि उस कंपनी के ऊपर कर्जा कितना है कहीं ऐसा तो नहीं कि वह कंपनी 10000 करोड़ की है और उसके ऊपर 20000 करोड का कर्जा है क्योंकि अगर ऐसी वह कंपनी है तो वहां पर रिस्क अधिक होता है तो आपको ज्यादातर ऐसी कंपनी में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए जिसका जो debt है वह उसकी मार्केट केपीटलाइजेशन से कम होना चाहिए उससे ज्यादा नहीं होना चाहिए!

Return on Equity(ROE)-

ROE को आप उस सेक्टर की दूसरी कंपनियों से कंपेयर करके भी देख सकते हैं अगर मैं आपको आसान भाषा में बताऊं तो अगर किसी कंपनी का ROE 15 से ज्यादा है तो वह अच्छा समझा जाता है!

Return on capital employed(ROCE)-

ऐसे ही आपको उस कंपनी का ROCE भी देखना होता है ROCE 20 से ज्यादा होना चाहिए!

Free Cash Flow-

इसके बाद आपको कंपनी का फ्री कैश फ्लो देखना होता है यानी कि उस कंपनी के पास एक्स्ट्रा पैसा इतना है जिसका वह उपयोग कर सकती है खुद को ग्रो करने के लिए, डिविडेंड देने के लिए और अन्य बहुत सारे काम के लिए! तो जिस कंपनी को आप सेलेक्ट कर रहे हैं उसके पास फ्री कैश फ्लो भी होना चाहिए!

प्रमोटर्स की होल्डिंग-

इसके बाद आपको उस कंपनी में प्रमोटर इसकी होल्डिंग देखनी होती है प्रमोटर्स वह होते हैं जिन्होंने इस कंपनी को बनाया है तो मेरे अनुसार आपको ऐसी कंपनी अनदेखा करना चाहिए जहां पर प्रमोटर्स की होल्डिंग 45% से कम होती है!

Price Earning Ratio (P/E Ratio)-

इसके बाद आपको उस कंपनी का P/E Ratio देखना होता है P/E Ratio को ज्यादातर उस सेक्टर की जो दूसरी कंपनी है उनसे तुलना करके देखा जाता है अगर आपको साधारण भाषा में समझाऊं तो P/E Ratio जितना कम होता है उतना अच्छा माना जाता है! और यह माना जाता है कि उस कंपनी के पास ग्रो होने की अधिक संभावना है!

परंतु P/E Ratio नेगेटिव में नहीं होना चाहिए और बहुत कम भी नहीं होना चाहिए!

Earning per Share (EPS)-

आप उस कंपनी का EPS भी देख सकते हैं यानी कि पर शेयर पर मुनाफा जितना ज्यादा EPS होगा उतना ही अच्छा माना जाता है!

इसके अलावा बहुत सॉरी एसी डिटेल है जो आप चेक कर सकते हैं परंतु जब आप इतनी ही डिटेल देख लेंगे तो एक अच्छा स्टॉक सिलेक्ट कर लेंगे!

समाचार (News)-

अगर आप अच्छे फंडामेंटल वाला स्टॉक भी सेलेक्ट कर लेते हैं औरों से रिलेटेड कोई खराब समाचार आता है तो उसी स्टॉक की प्राइस गिर सकती है और अगर आप कोई खराब फंडामेंटल स्टॉक भी सेलेक्ट कर लेते हैं और उससे संबंधित कोई अच्छी खबर आ जाती है तो उसकी प्राइस बढ़ सकती है तो आपको समाचार पर भी बहुत ज्यादा ध्यान देना होता है!

इन सभी स्टोर का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए https://www.screener.in/की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं!

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