Sip क्या है? what is sip investment in hindi

अगर आप भी जाना चाहते हैं कि Sip क्या है?, sip कैसे काम करता है,rupee cost averaging और power of compounding क्या है, हमें SIP में क्यों इन्वेस्ट करना चाहिए,SIP में इन्वेस्टमेंट करने के क्या फायदे तो यह सब जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े आपके सारे प्रश्नों का हल आपको मिल जाएगा!

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Sip क्या है? what is sip investment in hindi

sip का फुल फॉर्म सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, इसके जरिए आप म्यूच्यूअल फंड में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं sip के द्वारा आसानी से और स्मार्ट तरीके से इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं इन सब खूबियों की वजह से ही sip इन्वेस्टमेंट बहुत अधिक पॉपुलर है!

  • SIP (systematic investment plan) के द्वारा म्यूचुअल फंड में आप रेगुलर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं!
  • इसमें आपके पास ऑप्शन रहेगा कि आप पहले से निर्धारित अमाउंट को नियमित अंतराल में इन्वेस्ट कर सकते हैं यानी कि आप चाहे तो हर महीने या हर साल एक निश्चित अमाउंट इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं!
  • रेगुलर इन्वेस्ट करने से आपके अंदर एक सेविंग की आदत बनती है जिससे भविष्य में आप एक बड़ी वेल्थ बना सकते हो!

SIP कैसे काम करता है?( How does SIP work ?)-

सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना है कि आपको कितना पैसा इन्वेस्ट करना है मान लीजिए आप ₹10000 इन्वेस्ट करते हैं इसके बाद आपको यह डिसाइड करना होता है कि यह पैसा आप मंथली इन्वेस्ट करेंगे या सालाना इन्वेस्ट करेंगे! मान लीजिए आप यह पैसा मंथली निवेश करना चाहते हैं तो

  • यह पैसा आपके बैंक अकाउंट से हर महीने ऑटोमेटिक कट जाएगा!
  • और यह पैसा ऑटोमेटिक म्यूच्यूअल फंड SIP में इन्वेस्ट हो जाएगा!
  • जब यह पैसा म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट होगा तो म्यूच्यूअल फंड इस पैसे से शेयर मार्केट में खरीदारी करेगा यह खरीदारी म्यूच्यूअल फंड मार्केट की करंट प्राइस पर करेगा!
  • इसके बदले में म्यूचुअल फंड आपको निश्चित संख्या में कुछ यूनिट प्रदान करेगा यह यूनिट मार्केट में आपके इन्वेस्टमेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं!
  • जब आप हर महीना म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करेंगे और जब हर महीना म्यूच्यूअल फंड इन पैसों को मार्केट में इन्वेस्ट करने जाएगा तो मार्केट में प्राइस भी हर बार अलग-अलग मिलेंगी जिससे आप की खरीदारी मार्केट में अलग-अलग प्राइस पर होगी जिससे इन्वेस्टर्स को Rupee cost averaging का फायदा मिल जाता है!
  • और जवाब SIP निवेश के जरिए निवेश करते हैं तो आपको पावर आफ कंपाउंडिंग का फायदा भी मिल जाएगा

लेकिन अब आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि rupee cost averaging और power of compounding क्या होता है!

Rupee cost averaging

मान लीजिए आपके ₹10000 का जो इन्वेस्टमेंट है वह आप म्यूच्यूअल फंड के बदले 1 स्टॉक में इन्वेस्ट करने का निर्णय लेते हैं और इस स्टॉक का प्राइस 1000 रुपए होता है तो इस महीना जब आप SIP इन्वेस्टमेंट करेंगे तो आपके 10000 के SIP इन्वेस्टमेंट के बदले आपको उस कंपनी के सिर्फ 10 शेयर मिलेंगे और मान लीजिए

जब आप अगले महीने SIP इन्वेस्टमेंट करने जाएंगे तो उस टाइम उसका प्राइस 2000 रुपए होगा तब आपको SIP इन्वेस्टमेंट के बदले उस कंपनी के सिर्फ 5 शेयर मिलेंगे

और उससे अगले महीने जब आप इन्वेस्ट करने जाएंगे तो शेयर का प्राइस ₹2000 से नीचे गिरकर ₹500 हो जाता है तब आपके 10000 के SIP इन्वेस्टमेंट के बदले आपको उस कंपनी के 20 शेयर मिलेंगे!

तो अब आप यहां पर एक सामान्य पैटर्न नोटिस करे होंगे कि जो आपका इन्वेस्टमेंट होता है हर महीने वह फिक्स होता है और यहां पर आपके हर महीने का इन्वेस्टमेंट फिक्स होने पर जब मार्केट नीचे जाता है तो ऑटोमेटिक आपकी खरीदारी ज्यादा हो जाती है

जहां पर आपको ज्यादा शेयर मिलते हैं और जब मार्केट ऊपर जाता है तो आप की खरीदारी ऑटोमेटिक कम हो जाती है इसका आपको यह लाभ होगा चाहे मार्केट ऊपर जाए या फिर नीचे आए आपका एवरेज खरीदारी का प्राइस सम्मान रहेगा और इसी को हम टेक्निकल भाषा में rupee cost averaging बोलते हैं! और जब आप SIP के जरिए इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आपको rupee cost averaging का फायदा मिलेगा!

Power of compounding

EX-एक आदमी था जिसका राम सुरेश था उसने 25 वर्ष की उम्र में एक जॉब ज्वाइन किया और जब वह 35 साल का हो गया तो उसने हर महीना ₹10000 का SIP इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर दिया तो अगर वह अगले 20 साल तक इसमें निवेश करेगा तो उसका कुल निवेश 24 लाख रुपए हो जाएगा हमने माना कि अगर उसका इन्वेस्टमेंट सालाना बेस पर एवरेज 7% से बढ़ रहा है तो जब सुरेश 55 साल का हो जाएगा तो उसके पैसे 24 लाख से 52.4 लाख हो जाएंगे!

वही एक दूसरा आदमी जिसका नाम रमेश है उसने भी 25 वर्ष की उम्र में एक जॉब ज्वाइन किया और उसने जॉब के साथ 25 वर्ष की उम्र में ही 10,000 रुपए हर महीना SIP इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर दिया तो अगर वह अगले 30 साल तक इसमें निवेश करेगा तो उसका कुल निवेश 36 लाख हो जाएगा और सुरेश की तरह रमेश का कैपिटल सालाना 7% 6:00 बज रहा है तो जब रमेश 55 साल का हो जाएगा तो उसके पैसे 36 लाख से बढ़कर 1.22 करोड़ हो जाएगा!

तो अब आप यहां पर देख सकते हैं केवल 10 साल पहले शुरू करने से ही रमेश के पैसे सुरेश की तुलना में दुगुने से भी ज्यादा हो गई! इसलिए सिप इन्वेस्टमेंट शेयर पावर ऑफ कंपाउंडिंग का फायदा उठा सकते हैं वह एक बड़ी वेल्थ बना सकते हैं!

SIP इन्वेस्टमेंट के फायदे (features of SIP)-

  • SIP इन्वेस्टमेंट एक open-ended fund है यानी कि SIP इन्वेस्टमेंट से आप जब चाय अपना पैसा बाहर निकाल सकते हैं!
  • SIP इन्वेस्टमेंट में कोई फिक्स अवधि (tenure) नहीं है यानी कि आप जब चाहे अपना पैसा निकाल सकते हैं! मतलब आप जितना लंबा चाहे उतना आप इन्वेस्ट कर सकते हैं!
  • आप जब चाहे अपनी SIP की अवधि को घटा भी सकते है और जब चाहे बढ़ा भी सकते हैं!
  • आप perpetual SIP में भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं जहां पर कोई भी end tenure नहीं होता मतलब आप जितना चाहे लंबा इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं!
  • अवधि खत्म होने से पहले ही आप जब चाहे अपना आधा यह पूरा पैसा निकाल सकते हैं!
  • और जब चाहे आप अपना SIP इन्वेस्टमेंट को बढ़ा भी सकते हैं और घटा भी सकते हैं!

SIP में क्यों इन्वेस्टमेंट करना चाहिए (Why to invest in Sip)-

  • SIP इन्वेस्टमेंट आपकी मार्केट की अस्थिरता(Volatility) में आपकी मदद करेगा!
  • दूसरा बड़ा फायदा यह है कि यह आपकी फाइनेंसियल डिसीजन को डिसिप्लिन करने में करने में आपकी मदद करेगा!
  • SIP में इन्वेस्टमेंट करने के आपके कोई चार्ज है नहीं लगते!
  • इसमें आपको कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा मिलेगा!
  • इसमें आप केवल ₹500 से अपनी इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और आप जाए इस इन्वेस्टमेंट को बढ़ा भी सकते हैं!

अधिक जानने के लिए-https://www.policybazaar.com/hi-in/sip/

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