आज हम आपको कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न क्या है (candlestick pattern in hindi), कैंडलेस्टिक पेटर्न कितने प्रकार के होते हैं,सबसे सफल चार्ट पैटर्न कौन से हैं,कैंडलस्टिक पैटर्न कैसे सीखें?, कैंडलेस्टिक पेटर्न के लिए बेस्ट बुक कौन सी है आदि के बारे में बताएंगे!
आप चाहे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हो या फिर इन्वेस्टिंग आपके लिए कैंडलेस्टिक पेटर्न को समझना बहुत आवश्यक है क्योंकि इसके द्वारा आसानी से पता लगा सकते हैं कि मार्केट किस दिशा में जा सकता है और कैंडलेस्टिक ही आपके टेक्निकल एनालिसिस में मदद करता है!
शेयर मार्केट में Candle क्या होती है?-
कैंडल मार्केट में किसी स्टॉक इंडेक्स के मूवमेंट और प्राइस को दर्शाता है कैंडल एक निश्चित समय अंतराल में मार्केट में हुई खरीदारी और बिकवाली को प्रदर्शित करती है! कैंडल स्टिक में कैंडल दो प्रकार की होती है एक लाल कलर की तो दूसरी हारे कलर की, लाल कैंडल मार्केट में सेलिंग को दर्शाती है जबकि हरि कैंडल मार्केट में बाइंग को दर्शाती है!
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है? | candlestick pattern in hindi-
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न बहुत सारी कैंडल्स से मिलकर बना होता है यह कैंडल्स शेयर की प्राइस को दर्शाती है! कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न मार्केट को समझने में मदद करता है!
- कैंडलेस्टिक पेटर्न में दो कलर की कैंडल्स होती है एक लाल और दूसरी हरे कलर की!
- हरे कलर की कैंडल मार्केट में बाइंग को दर्शाती है जबकि लाल कलर की कैंडल मार्केट में सेलिंग को दर्शाती है!
- यह कैंडल मोमबत्ती के आकार की होती है इसलिए ने कैंडल कहा जाता है!
- एक कैंडल स्टिक के 3 भाग होते हैं बीच वाले को body ऊपर वाले को upper shadow और नीचे वाले को lower shadwo कहते हैं1
कैंडलेस्टिक पैटर्न की शुरुआत | history of candlestick patterns
दोस्तों यह बात है जापान की सन 1700 के दशक की उस समय जापान में चावल की ट्रेडिंग होती थी उसी समय वहाँ एक व्यापारी थे जिनका नाम Munehisa Homma था कुछ वर्षों तक चावल की ट्रेडिंग करते करते एक बात जानी की कीमतें अपनी मनमानी से नहीं चलती है और उन्होंने विचार किया की शायद कीमतों में एक प्रकार का पैटर्न है जो की आज तक कोई समझ नहीं पाया!
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वे हर रोज़ कीमतों को लिखकर उनका आकलन करने लगे कुछ वर्ष बीत गए और उन्होंने पाया की कीमतें सचमुच एक प्रकार के पैटर्न के अनुरूप चलती है जो जो कि उन्हें कीमतों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था इस प्रकार उन्होंने एक चाट प्रणाली को जन्म दिया जिसे उन्होंने कैंडलस्टिक चार्ट नाम दिया!
शुरुआती दौर में उन्होंने दो प्रकार की कैंडल्स का इजाद किया bullish कैन्डल्स्टिक और bearish कैन्डल्स्टिक bullish कैन्डल्स्टिक जो की तेजी को प्रदर्शित करती है और bearish कैन्डल्स्टिक जो की मंदी को प्रदर्शित करती है Munehisa Homma ने कैन्डल्स्टिक का नाम मोमबत्ती के ऊपर रखा क्योंकि उनके द्वारा बनाई गई अधिकांश कैंडल मोमबत्ती के समान ही दिखाई देती थी!
जब 1700 के दशक में Munehisa Homma कैंडल स्टिक प्रणाली की खोज की तब उन्होंने कैंडल को दो रंगों में विभाजित किया bullish कैंडलस्टिक को सफेद रंग में और bearish कैन्डल्स्टिक को काले रंग में सफेद और काले रंग में विभाजित उन्होंने शतरंज के मोहरों के ऊपर किया था क्योंकि उस समय शतरंज का जो बेसिक रंग था वह सफेद और काला था जो कि आज के समय में भी देखा जा सकता है
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि इस प्रणाली के विकास के बाद Munehisa Homma बहुत अमीर आदमी बने और इसी कारण उन्हे father of Candlestick कहा जाता है!
कुछ ही वर्षों में है प्रणाली पूरे जापान में फैल गई और व्यापार करने के लिए सबसे लोकप्रिय प्रणाली भी बन गई जैसा कि आपको पता है कैंडलेस्टिक चार्ट प्रणाली की खोज जापान में हुई थी तो इस प्रणाली को शुरुआती तौर पर जापानी भाषा में ही लिखा गया था
इसके कुछ वर्षों बाद एक अमेरिकी नागरिक जिनका नाम था Steve Nison उन्होंने अपने एक जापानी दोस्त की सहायता से इस प्रणाली का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद कर दिया जोकि अपने आप में एक इतिहास बना अंग्रेजी भाषा में अनुवाद के बाद इस किताब का जो नाम दिया गया Candlestick charting by Steve Nison.
इस प्रणाली के अंग्रेजी अनुवाद के साथ ही उन्होंने कैंडल्स के रंग में भी परिवर्तन किया bullish कैंडल स्टिक जो कि अब तक सफेद रंग की थी उन्होंने इसे हरे रंग से प्रदर्शित किया bearish कैंडलेस्टिक पेटर्न जो अब तक काले रंग की थी उन्होंने इसे लाल रंग से प्रदर्शित किया! और जिन लोगों ने इसका उपयोग किया उन्हें इससे अच्छे परिणाम मिले और इसी कारण यह पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध हुई!
लाइव मार्केट में चार्ट पर कैंडल कैसे बनती है?
कैंडल दो प्रकार की होती है एक हरे कलर की और दूसरी लाल कलर की हरि कैंडल को bullish कैंडल कहा जाता है क्योंकि यह मार्केट में खरीदारी करने के कारण बनती है जबकि लाल कैंडल को bearish कैंडल कहा जाता है क्योंकि यह मार्केट में बिकवाली के कारण बनती है!
कैंडल स्टिक मुख्यतः दो भागों से मिलकर बनी होती है!
- shadow-यह शैडो बायर और सेलर के मध्य हुई लेनदेन के कारण बनती है!
- body-बॉडी बाइंग और सेलिंग के कारण आई वॉल्यूम के कारण बनती है!
अगर कैंडल की बॉडी हरे कलर की है तो वह मार्केट में आई बाइंग वॉल्यूम को दर्शाती है और अगर कैंडल लाल कलर की है तो वह मार्केट में आए सीलिंग वॉल्यूम को दर्शाती है!
यह कैंडल एक Rectangle की आकृति का होती है कैंडल एक फिक्स या निश्चित समय अंतराल में मार्केट में हुई बाइंग और सेलिंग को प्रदर्शित करता है!
अलग-अलग टाइमफ्रेम पर अलग-अलग प्रकार के कैंडल नजर आती है अगर हमें 5 मिनट पर सेलिंग कैंडल नजर आ रही है तो वही हमें 1 घंटे के टाइम फ्रेम में बाइंग कैंडल भी नजर आ सकती है यानी कि हर टाइम पर अलग-अलग प्रकार की कैंडल होती है!
बड़े टाइमफ्रेम की कैंडल सभी छोटे टाइम फ्रेम कैंडल्स से मिलकर बनी होती है यानी कि 1,1 घंटे की कैंडल 12, 5 मिनट की कैंडल से मिलकर बनी होती है! यानी कि जो उन 12, 5 मिनट की कैंडल में हुआ है उन सब का औसतन हमें उस 1 घंटे की कैंडल में नजर आएगा!
टाइम फ्रेम के आधार पर अलग-अलग प्रकार के कैंडल्स बनते हैं,जैसे कि कुछ महत्वपूर्ण टाइम फ्रेम–
- 5 मिनट का टाइम फ्रेम
- 10 मिनट का टाइम फ्रेम
- 15 मिनट का टाइम फ्रेम
- 1 घंटे का टाइम फ्रेम
कैंडल को देखने पर किन बातों का पता चलता है?
एक कैंडल अपने समय अंतराल (time interval) में किसी स्टॉक और इंडेक्स के 4 महत्वपूर्ण प्राइस को बताता है!
- Opening price- जहां से कैंडल बनना शुरू होती है
- Closing price-जहां कैंडल बनना बंद हो जाती है!
- Highest price-कैंडल का सबसे ऊपर वाले भाग को हाईएस्ट प्राइस कहते हैं!
- Lowest price-कैंडल के सबसे नीचे वाले भाग को लोवेस्ट प्राइस कहते हैं!
5 मिनट समय अंतराल (time interval) का मतलब होता है हमारे चार्ट पर कितने टाइम फ्रेम की कैंडल बनी है अगर हमारे चार्ट का टाइम फ्रेम 10 मिनट है तो प्रत्येक कैंडल का time interval 10 मिनट का होगा!
कैंडलेस्टिक के जरिए हम मार्केट को बहुत बारीकी से समझ सकते हैं जैसे कि-
- कैंडल स्टिक के द्वारा हम बायर और सेलर को पहचान सकते हैं!
- कई कैंडल ऐसी होती है जिनके द्वारा आसानी से पता लगा सकते हैं कि कहां बाइंग होने वाली और कहां से सेलिंग!
- कैंडल स्टिक के द्वारा हम बायर और सेलर के इमोशन को समझ सकते हैं!
- कैंडल स्टिक आपके टेक्निकल एनालिसिस में सबसे अधिक मदद करता है
कैंडलेस्टिक पेटर्न कितने प्रकार के होते हैं | types of candlesticks-
कैंडलेस्टिक मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं?
- bullish candlestick
- Barish candlestick
bullish candlestick
bullish candlestick का यह मतलब होता है कि कैंडल के interval में शेयर की प्राइस बढ़कर क्लोज हुई है!
मान लीजिए एक 15 मिनट के कैंडल की ओपनिंग प्राइस ₹30 है highest प्राइस 60 रुपए है और lowest प्राइस 20 रुपए हैं और क्लोजिंग प्राइस ₹50 है हम यहां पर देख सकते हैं कि कैंडल के 15 मिनट के time interval में शेयर की प्राइस ₹30 पर ओपन हुई highest प्राइस ₹60 तक गई lowest ₹20 तक गई और 15 मिनट खत्म होने पर शेयर की प्राइस ₹50 पर क्लोज हुई!
दोस्तों आप यहां पर देख सकते हैं शेयर की ओपनिंग प्राइस ₹50 है जबकि क्लोजिंग प्राइस ₹51 हैं! इसका मतलब है कि शेयर की प्राइस इस 15 मिनट के time interval में बढ़ गई है और इस तरह के कैंडल स्टिक को हम bullish candlestick कहते हैं!
Barish candlestick
Barish candlestick का यह मतलब होता है कि कैंडल के interval में शेयर की प्राइस घटकर बंद हुई है!
मान लीजिए एक 15 मिनट की कैंडल की ओपनिंग प्राइस ₹50 है, हाईएस्ट प्राइस ₹60 है लोवेस्ट प्राइस ₹20, क्लोजिंग प्राइस ₹30 है तो अब हम यहां देख सकते हैं कि कैंडल के 15 मिनट time interval में शेयर की प्राइस ₹50 से ओपन हुई, हाईएस्ट प्राइस 60 तक गई, लोवेस्ट प्राइस 20 थक गई और 15 मिनट खत्म होने पर शेयर की प्राइस ₹30 पर क्लोज हुई!
दोस्तों यहां पर शेयर की ओपनिंग प्राइस ₹50 जबकि क्लोजिंग प्राइस ₹49 हैं इसका मतलब है कि शेयर की प्राइस 15 मिनट के time interval में घट गई है और इस प्रकार की कैंडलेस्टिक को हम Barish candlestick कहते हैं!
टॉप 10 बेस्ट कैंडलेस्टिक पेटर्न | Top 10 Most powerful candlestick patterns–
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न | Hammer candle in hindi-
Hammer candle इसका रियल बॉडी छोटा होता है इसमें बॉडी का कलर हरा और लाल दोनों हो सकता है जबकि इसका lower shadwo,body की तुलना में लगभग 2 गुना या इससे अधिक बड़ा होना चाहिए इसमें upper shadwo बहुत ही छोटा रहता है या फिर रहता ही नहीं है!
यह कैंडल डाउनट्रेंड या bottam में बननी चाहिए इसके बनने के तुरंत बाद मार्केट में uptrend या bullish trend चालू हो जाता है!
इसमें आपको एंट्री हैमर कैंडल के हाई पर लेनी है और आपका स्टॉप लॉस हैमर कैंडल के low के नीचे होगा!
हैंगिंग मैन कैंडलस्टिक | Hanging man candle in hindi-
Hanging man इसका बॉडी छोटा होता है जबकि इसकी shadwo बॉडी की तुलना में दोगुनी या इससे ज्यादा बड़ी होनी चाहिए, यह हरे और लाल दोनों कलर की हो सकती है इसमें upper shadwo बहुत छोटा होता है या फिर होता ही नहीं है!
यह कैंडल मार्केट में uptrend, रजिस्टेंस यह मार्केट के टॉप पर बननी चाहिए इसके बनने के बाद मार्केट में डाउनट्रेंड या bearish trend चालू हो जाता है!
इसमें आपको एंट्री हैंगिंग मैन के low पर लेनी है और आपका स्टॉपलॉस इसके हाई पर होगा!
इनवर्टेड हैमर कैंडलस्टिक | Inverted hammer candle in hindi-
Inverted hammer
यह उल्टे हथौड़े के आकार का होता है इस कारण से Inverted hammer कहा जाता है जिसकी बॉडी छोटी होती है जबकि इसकी upper shadwo बॉडी की तुलना में दोगुनी या इससे अधिक बड़ी होनी चाहिए और lower shadwo छोटी सी या ना के बराबर होती है!
यह कैंडल मार्केट में डाउनट्रेंड के दौरान support या bottam में बनती है इसके बनने के तुरंत बाद ट्रेंड रिवर्सल यानी कि ट्रेंड uptrend में बदल जाता है और bullish tread चालू हो जाता है!
इसमें एंट्री आपको Inverted hammer के हाय के ऊपर और स्टॉप लॉस कैंडल के low के नीचे लगाना है!
शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक | Shooting star candle in hindi-
इसकी बॉडी छोटी होती है जबकि इसकी upper shadwo बॉडी की तुलना में 2 से 3 गुना बड़ी होनी चाहिए इसकी lower shadwo बहुत छोटी या ना के बराबर होती है!!
यह कैंडल मार्केट में अब uptrend के दौरान रेजिस्टेंस या टॉप पर बनती है इसके बनने के तुरंत बाद ट्रेंड रिवर्सल यानी कि bearish trend में बदल जाता है!
इसमें आपको एंट्री स्कैंडल के low पर लेनी है और स्टॉप लॉस इसके हाई पर लगाना है!
स्पिनिंग बॉटम कैंडलस्टिक | Spinning bottom candle in hindi-
Spinning bottom candle
इसकी बॉडी बीच में होती है और दोनों तरफ बराबर shadwo होती है यह लाल और हरे दोनों कलर की हो सकती है अगर यह डाउनट्रेंड के दौरान बनता है और कोई कैंडल इसके हाई को ब्रेक कर दे तो uptrend चालू हो जाता है!
यह कैंडल अगर डाउनट्रेंड के दौरान बने तो इसके हाई के ब्रेकआउट के बाद तुरंत ट्रेंड रिवर्सल या bullish हो जाता है!
इसमें आपको एंट्री कैंडल के हाई पर और स्टॉपलॉस कैंडल के low पर लगाना होता है!
स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक | Spinning top candle in hindi-
इसकी भी बॉडी बीच में होती है और दोनों तरफ बराबर shadwo होती है यह लाल और हरे दोनों कलर की हो सकती है यह uptrend के दौरान बनती है और कोई कैंडल अगर इसके low को ब्रेकडाउन कर दे तो डाउनट्रेंड चालू हो जाता है!
यह कैंडल अगर uptrend के दौरान बने तो इसके low के ब्रेकडाउन की तुरंत बाद ट्रेंड रिवर्सल या bearish हो जाता है!
इसमें आपको कैंडल के low पर एंट्री और हाई पर स्टॉपलॉस लगाना होता है!
बुलिश मारूबोजु कैंडलस्टिक | Bullish Marubozu candle in hindi-
Bullish Marubozu कैंडल नीचे से ओपन होकर ऊपर की ओर क्लोज होती है इसमें lower shadwo और upper shadwo नहीं होती! यह हरे रंग की होती है!
अगर यह कैंडल डाउनट्रेंड के बाद bottom या सपोर्ट पर बनती है तो वहां से ट्रेंड uptrend में बदल जाता है और अगर यह कैंडल uptrend के दौरान बीच रास्ते में बनती है तो uptrend और भी ज्यादा bullish हो जाता है!
इसमें आपको एंट्री कैंडल के हाई के ब्रेकआउट पर और स्टॉप लॉस कैंडल के low पर लगाना होता है!
बियरिश मारूबोजु कैंडलस्टिक | Bearish Marubozu candle in hindi-
Bearish Marubozu कैंडल ऊपर से ओपन होकर नीचे की ओर क्लोज होती है इसमें lower shadwo और upper shadwo नहीं होती! यह लाल रंग की होती है!
अगर यह कैंडल uptrend के बाद top या रजिस्टेंस पर बनती है तो वहां से ट्रेंड डाउनट्रेंड में बदल जाता है और अगर यह कैंडल डाउनट्रेंड के दौरान बीच रास्ते में बनती है तो डाउनट्रेंड और भी ज्यादा bearish हो जाता है!
इस कैंडल में आपको एंट्री इसके low के ब्रेकडाउन पर और स्टॉप लॉस इसके हाई पर लगाना होता है!
स्टैंडर्ड डॉजी कैंडलेस्टिक | standard doji candle in Hindi-
standard doji का ओपनिंग और क्लोजिंग पॉइंट एक ही जगह होता है इसलिए इस की बॉडी छोटी और upper shadwo और lower shadwo के बीच में होती है इसकी दोनों shadwo लगभग बराबर होती है! यह लाल और हरे दोनों रंग की हो सकती है
अगर यह डाउनट्रेंड के दौरान बनती है और अगर कोई bullish candle इसके हाई को ब्रेक आउट कर देती है तो trend रिवर्सल या bullish ट्रेंड चालू हो जाता है! और अगर यह uptrend के दौरान बनती है और अगर कोई bearish कैंडल इसके low को ब्रेकडाउन कर देती है तो bearish reversal ट्रेंड या डाउनट्रेंड चालू हो जाता है!
अगर यह डाउनट्रेंड या bottom में बनती है तो आपको इसमें एंट्री इसके हाई के ब्रेकआउट पर लेना है और स्टॉप लॉस इसके low पर लगाना होता है! अगर यह uptrend या top पर बनती है तो आपको इसमें एंट्री इसके low के ब्रेकडाउन पर और स्टॉप लॉस इसके हाई पर लगाना होता है!
ड्रैगनफ्लाई डोजी कैंडलस्टिक | Dragonfly doji candle in hindi-
Dragonfly doji का भी ओपनिंग और क्लोजिंग पॉइंट एक ही जगह होता है इसकी lower shadwo बहुत बड़ी होती है जबकि upper shadwo नहीं होती! यह हरे और लाल दोनों रंग की हो सकती है!
अगर यह डाउनट्रेंड के दौरान बनती है और अगर कोई bullish candle इसके हाई को ब्रेक आउट कर देती है तो trend रिवर्सल या bullish ट्रेंड चालू हो जाता है! और अगर यह uptrend के दौरान बनती है और अगर कोई bearish कैंडल इसके low को ब्रेकडाउन कर देती है तो bearish reversal ट्रेंड या डाउनट्रेंड चालू हो जाता है!
अगर यह डाउनट्रेंड में बनती है तो आपको इसमें एंट्री इसके हाई के ब्रेकआउट पर लेना है और स्टॉप लॉस इसके low पर लगाना होता है! अगर यह uptrend या top पर बनती है तो आपको इसमें एंट्री इसके low के ब्रेकडाउन पर और स्टॉप लॉस इसके हाई पर लगाना होता है!
ग्रेवस्टोन डोजी कैंडलस्टिक | Gravestone doji candle in hindi-
Gravestone doji candle का भी ओपनिंग और क्लोजिंग पॉइंट एक ही जगह होता है इसकी upper shadwo बहुत बड़ी होती है जबकि lower shadwo नहीं होती! यह हरे और लाल दोनों रंग की हो सकती है!
अगर यह डाउनट्रेंड के दौरान बनती है और अगर कोई bullish candle इसके हाई को ब्रेक आउट कर देती है तो trend रिवर्सल या bullish ट्रेंड चालू हो जाता है! और अगर यह uptrend के दौरान बनती है और अगर कोई bearish कैंडल इसके low को ब्रेकडाउन कर देती है तो bearish reversal ट्रेंड या डाउनट्रेंड चालू हो जाता है!
अगर यह डाउनट्रेंड में बनती है तो आपको इसमें एंट्री इसके हाई के ब्रेकआउट पर लेना है और स्टॉप लॉस इसके low पर लगाना होता है! अगर यह uptrend या top पर बनती है तो आपको इसमें एंट्री इसके low के ब्रेकडाउन पर और स्टॉप लॉस इसके हाई पर लगाना होता है!
अधिक जानने के लिए-https://en.wikipedia.org/wiki/Candlestick_pattern